नमस्कार साथियों, आपने बहुत बार सुना होगा अच्छी सकारात्मक सोच से अच्छा होता है। दूसरों का बुरा सोचने से अपना बुरा होता है, पर आपने कभी सोचा है, कि ऐसा होता क्यों है? इसके पीछे का रहस्य क्या है? आज हम आपको बताते हैं, इसके पीछे का विज्ञान उससे पहले मैं आपको एक सच्ची घटना बताना चाहता हूं।
19 नवम्बर, 1938 मे यूएसए के टेनेसी स्टेट में एक 55 साल के आदमी जिसका नाम वेन्स बेंडर था, उसको अस्पताल में लाया गया, जिसकी हालत ऐसी थी, कि किसी को उसके बारे में मालूम नहीं था। इनका शरीर हड्डियों का ढांचा बन चुका था। इन्हें इनकी पत्नी ने अस्पताल में भर्ती करवाया था। डॉक्टर भी इन्हें देखकर चौक गए थे, क्योंकि टेस्ट में सब सामान्य था, इन्हें कोई बीमारी नहीं थी। फिर भी इनके साथ क्या हुआ था? किसी को नहीं मालूम था। जब डॉक्टर ने इनकी पत्नी से बात की, तो उन्होंने बताया कि लगभग 3 महीने पहले वेन्स को एक तांत्रिक ने शाप दिया था, कि तुम कुछ ही महीनों में मर जाओगे और तुम्हें कोई नहीं बचा सकता। अगले दिन डॉक्टर ने वेन्स को बताया कि वह उस तांत्रिक से मिले और उसे पुलिस की धमकी देकर डराया, तब तांत्रिक ने बताया कि उसने वेन्स के ऊपर छिपकली के अंडे फेंके थे। जिनमें से एक अंडा वेन्स के अंदर चला गया और वही छिपकली तुुम्हे अंदर से खा रही है। अगले दिन डॉक्टर ने वेन्स को दवाई देकर उल्टी करवाई और चुपके से एक मरी छिपकली वहां रख दी और वेन्स को बताया कि छिपकली निकल गई है और तुम अब सुरक्षित हो, तुम शाप के प्रभाव से मुक्त हो गए हो। इसके कुछ महीने बाद वेन्स पूरी तरह ठीक हो गया और पहले की तरह स्वस्थ और तंदुरुस्त हो गया।
अब बात करते हैं, इस केस में ऐसा क्या हुआ था? जब डॉक्टरों ने जांच की तो सामने आया कि वेन्स का दिमाग उसे मार रहा था। वेन्स को उस तांत्रिक पर इतना विश्वास हो गया था, कि वह यह सोचता था, कि कुछ ही समय में वह मर जाएगा। डॉक्टरों ने बताया कि ज्यादा तनाव और सोच के कारण हार्मोन और न्यूरॉन का संतुलन बिगड़ जाता है, जो वेन्स के साथ हुआ वह इसी का नतीजा था। इन्हीं के कारण हम सभी चीजों को अच्छे से कर पाते हैं और अच्छे तरीके से सोच पाते हैं।
तो दोस्तों इस से हमें मालूम होता है कि पॉजिटिव थिंकिंग या सकारात्मक सोच और नकारात्मक सोच का हमारे दिमाग पर क्या प्रभाव पड़ता है। हमारा शरीर सकारात्मक सोच के प्रति ज्यादा सजग रहकर हमारे दिमाग में हार्मोन का स्त्राव कम या ज्यादा करता है, इसलिए कहा जाता है कि अच्छी सोच रखना चाहिए व जीवन में कभी भी नकारात्मक नहीं सोचना चाहिए। हमेशा सकारात्मक सोच रखना चाहिए जिससे हम अपनी कमजोरियों को कम कर सफलता को हासिल कर सकें।
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