अमेरिकी क्रांति ( American Revolution )
18 वी शताब्दी के पूर्वार्द्ध में अमेरिका ग्रेट ब्रिटेन के अधीन एक उपनिवेश था। जिस प्रकार भारत भी ब्रिटेन का एक उपनिवेश था। अमेरिका के मूल निवासियों को रेड इंडियन कहा जाता था। अमेरिका में ब्रिटेन के औपनिवेशिक सम्राज्य की नीव जेम्स प्रथम के शासन काल मे रखी गई थी। अमेरिका की खोज क्रिस्टोफर कोलंबस ने की थी, जबकि अमेरिका नाम एक इटालियन नाविक अमेरिंगो वेस्पुसी के नाम पर रखा गया। अमेरिका का स्वतंत्रता संग्राम 4 जुलाई को आरंभ हुआ था। अमेरिकी क्रांति को आधुनिक युग की गणतंत्र की जननी भी कहा जाता है। अमेरिकी स्वंतत्रता संग्राम के नायक जॅार्ज वाशिंगटन थे, जिन्हें बाद में अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति होने का गौरव भी प्राप्त हुआ। अमेरिकी क्रांति के कई कारण थे, परंतु सबसे महत्वपूर्ण कारण बोस्टन की टी पार्टी थी, जो 16 सितम्बर, 1773 ई. में सेम्यूअल एडम्स के नेतृत्व में की गई थी। जिसके फलस्वरूप ईस्ट इंडिया कंपनी के जहाजो से चाय की 340 पेटियॉं समुद्र में फेंक दी गई थी।
बोस्टन टी पार्टी के बाद महाद्वीपीय सम्मेलन (कांग्रेस) का आयोजन
फिलाडेल्फिया में 5 सितम्बर, 1774 ई. को
किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य पूर्ण स्वराज की मांग नहीं वरन् आंतरिक मामलों
में पूर्ण स्वेच्छा का अधिकारी प्राप्त करना था। द्वितीय महाद्वीपीय सम्मेलन का
आयोजन सन् 1775 ई. में अमेरिकी सेनाध्यक्ष के पद पर जॉर्ज वाशिंगटन का चयन किया गया।
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